
नागपुर विशेष 12 अक्टूबर 2025: बहुजन समाज के सशक्तिकरण और स्वतंत्र बहुजन विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित संगठन बामसेफ (ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एंप्लॉयी फेडरेशन) ने आज मान्यवर कांशीराम साहब के 20वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक भव्य वरिष्ठ

कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, कामठी रोड, नागपुर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चला, जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से सैकड़ों वरिष्ठ कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और बहुजन समाज के प्रतिनिधि एकत्र हुए ।

कार्यक्रम का मुख्य विषय था- “मान्यवर कांशीराम साहब द्वारा दी गई स्वतंत्र बहुजन विचारधारा पर आधारित बहुजन समाज के निर्माण में बामसेफ की भूमिका एवं जिम्मेदारी”। कांशीराम साहब की विरासत को याद करते हुए वक्ताओं ने जोर दिया कि बामसेफ, जो 1978 में कांशीराम साहब द्वारा स्थापित किया गया था,
बहुजन समाज (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक) के बौद्धिक वर्ग को संगठित करने का माध्यम बना रहेगा। संगठन का मूल मंत्र “सिस्टम चेंज” (व्यवस्था परिवर्तन) आज भी प्रासंगिक है, जो बहुजन समाज को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
सम्मेलन की अध्यक्षता मा. एडवोकेट सुनिल डोंगरे, बामसेफ महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्षमुख्य मार्गदर्शक के रूप में मा. पी. एस. खोब्रागड़े, मा. मधुकर मेश्राम, मा. एडवोकेट. डॉ. पी. टी. कोसनकर और मा. गोपाल खांबाळकर .मुख्य अतिथियों में मा. वाय. आर. मेश्राम (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, गोंदिया), मा. मनोहर मोहन साखरे (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, चंद्रपूर), मा. प्रा. शंकर बागडे (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, भंडारा), मा. सखाराम झोडे (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, गडचिरोली), मा. नानाजी सुनतकरी (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, वर्धा) और मा. प्रा. दामोधर रामटेके (वरिष्ठ बामसेफ कार्यकर्ता, नागपूर) इन अतिथियों ने अपने अनुभव साजा किया.

यह आयोजन न केवल कांशीराम साहब को श्रद्धांजलि था, बल्कि बहुजन समाज के भविष्य के लिए एक नई दिशा भी प्रदान करने वाला साबित हुआ। बामसेफ के पदाधिकारियों ने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया और आह्वान किया कि ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित किया जाए।

























